उदयपुर के पास बड़गांव के मदार गांव में एक और दर्दनाक घटना घटी, जब लेपर्ड ने बुधवार दोपहर 3 बजे खेत में काम कर रहीं दो महिलाओं पर हमला कर दिया। इस हमले में दोनों महिलाएं घायल हो गईं। इलाज के लिए उन्हें नाव से अस्पताल ले जाया गया, लेकिन दुर्भाग्य से मांगीबाई नामक महिला की शाम 7:30 बजे इलाज के दौरान मौत हो गई। लेपर्ड ने मांगीबाई के गले पर गंभीर हमला किया था।
उदयपुर में लेपर्ड के हमले से दहशत का माहौल बना हुआ है। पिछले 38 दिनों में यह जानवर 10 लोगों की जान ले चुका है। हाथीपोल थानाधिकारी आदर्श कुमार के अनुसार, मदार गांव में घायल मांगीबाई की मौत उदयपुर के एमबी हॉस्पिटल में हो गई।
गंभीर घाव: गर्दन और हाथ पर चोट
लेपर्ड ने खेत में काम कर रहीं केशीबाई और मांगीबाई पर हमला किया। केशीबाई के बेटे गणेशराम ने बहादुरी से लाठी लेकर लेपर्ड को भगाने की कोशिश की, परंतु तब तक लेपर्ड ने दोनों महिलाओं को बुरी तरह घायल कर दिया था। गणेशराम ने बताया कि उसकी मां और मांगीबाई सोयाबीन की फसल काट रही थीं और एक-दूसरे से लगभग 25 फीट दूर थीं। अचानक लेपर्ड ने मांगीबाई की गर्दन पर हमला कर दिया। चिल्लाने की आवाज सुनकर गणेशराम लाठी लेकर दौड़ा, पर लेपर्ड ने उसकी मां पर भी हमला कर दिया।
लेपर्ड ने थोड़ी देर तक दूर खड़े होकर उनकी ओर देखा, फिर भाग निकला। गणेशराम ने दोनों महिलाओं को तुरंत अस्पताल पहुंचाया, लेकिन मांगीबाई की गर्दन और हाथ पर हुए गहरे घावों के कारण उनकी जान नहीं बच सकी। वन विभाग की टीम लगातार गश्त कर रही है, लेकिन अब तक लेपर्ड का कोई ठोस सुराग नहीं मिला है। हालांकि कुछ जगहों पर पगमार्क देखे गए हैं, पर सीसीटीवी कैमरों में भी लेपर्ड नजर नहीं आया है। डीएफओ मुकेश सैनी के अनुसार, टीम की लगातार निगरानी जारी है।