अब BHIM UPI से ट्रांजैक्शन पर इंसेंटिव मिलेगा। केन्द्रीय कैबिनेट ने कम रकम के डिजिटल ट्रांजैक्शन के लिए 2600 करोड़ रुपए के प्रोत्साहन राशि को मंजूरी दी है। साथ ही कैबिनेट ने तीन मल्टी लेवल कोऑपरेटिव सोसाइटी के गठन का भी निर्णय लिया है।
इसके अलावा नरेन्द्र मोदी कैबिनेट ने पीएम मुफ्त अनाज योजना का नाम बदलने का फैसला लिया है। अब से इस योजना का नाम पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना कार्यक्रम होगा। पिछली कैबिनेट बैठक में मुफ्त अन्न योजना को एक साल के लिए बढ़ा दिया गया था। आपको बता दें कि अन्न योजना की अवधि 31 दिसंबर को खत्म हो रही थी। कोविड-19 महामारी के दौरान गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने की शुरुआत अप्रैल 2020 में केन्द्र सरकार ने की थी। इसे ही एक साल के लिए पिछली कैबिनेट बैठक में बढ़ा दिया गया था।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि मोदी कैबिनेट ने मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसाइटीज अधिनियम 2002 के तहत एक राष्ट्रीय स्तर की मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट सोसाइटी की स्थापना को मंजूरी दी है। यह सहकारी समितियों के समावेशी विकास मॉडल से सहकार से समृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगी।
नरेन्द्र मोदी कैबिनेट की पिछली बैठक 4 जनवरी को हुई थी। इसके बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया था कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थीं उन्होंने बताया था कि भारत ग्रीन हाइड्रोजन का ग्लोबल हब बनेगा। इससे प्रतिवर्ष 50 लाख टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन होगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने दावा किया था कि नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन से 8 लाख करोड़ रुपए का सीधा निवेश होगा और इससे 6 लाख नौकरियां मिलेंगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि 382 मेगावाट के सुन्नी बांध हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट हिमाचल प्रदेश के लिए मंजूर किया गया है।
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