राजस्थान में पड़ रही कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए कमरे में सिगड़ी जलाकर सोए परिवार के 3 लोगों की मौत हो गई। साथ ही 3 महीने के मासूम की हालत गंभीर बनी हुई है। मरने वालों में मां-बेटी और सास शामिल हैं। मामला चूरू जिले के रतनगढ़ का है।
पुलिस के अनुसार रविवार रात को गौरीसर गांव निवासी अमरचंद प्रजापत की पत्नी सोना देवी, बहू गायत्री देवी, पोती तेजस्विनी और 3 महीने का पोता खुशीलाल एक कमरे में सो रहे थे। सास-बहू ने रात को सर्दी से बचने के लिए कमरे में सिगड़ी जला रखी थी। सोमवार सुबह करीब 8 बजे तक उनके कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो अमरचंद ने खटखटाया। जब अंदर से कोई आवाज नहीं आई, ऐसे में अमरचंद ने खिड़की तोड़कर देखा तो सभी लोग चारपाई पर सोते नजर आए। कोई हलचल नहीं थी और 3 महीने का पोता खुशीलाल रो रहा था।
अमरचंद खिड़की से कमरे में घुसा तो देखा कि पत्नी, बहू और पोती मृत पड़े थे। दादा ने तीन महीने के पोते खुशीलाल को बाहर निकाला। पड़ोस के लोगों के साथ बच्चे को अस्पताल पहुंचाया, जहां हालत गंभीर होने पर डॉक्टर ने उसको चूरू के डीबी अस्पताल रेफर कर दिया। शुरुआती जांच में सामने आया कि रात को कमरे में सिगड़ी जली हुई थी और खिड़की-दरवाजे बंद थे। ऐसे में सिगड़ी से निकले धुएं से कमरे में कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस बढ़ गई। इसी गैस के कारण दम घुटने से सास-बहू और पोती की मौत हो गई। परिवार के लोगों ने बताया कि दादा अमरचंद और छह साल का पोता कमल अलग कमरे में सो रहे थे। सास-बहू और पोता-पोती एक ही कमरे में सो रहे थे। दादा के पास सोने से कमल की जान बच गई। अमरचंद का बेटा राजकुमार गुजरात में कंस्ट्रक्शन का ठेकेदार है, वह करीब 1 सप्ताह पहले ही गांव आकर गया था।
दूसरी ओर, राजस्थान के ही बीकानेर के बीछवाल थाना क्षेत्र में भी दम घुटने से पति-पत्नी की मौत हो गई। दोनों कूच बिहार के रहने वाले थे। दोनों यहां करणी इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। बताया जा रहा है कि अनिल और उसकी उत्नी पूर्णिमा रात को कमरे में सिगड़ी जलाकर सो गए थे। सुबह घर में कोई हलचल नहीं हुई तो आसपास के लोगों पुलिस को सूचना दी। जिसके बाद दोनों को पीबीएम अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।