भारत-पाकिस्तान की 1971 की लड़ाई में लोंगेवाला चौकी के हीरो रहे भैरों सिंह राठौड़ का सोमवार को निधन हो गया। वे बीते कई दिनों से जोधपुर एम्स में भर्ती थे। हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी उनसे फोन कर स्वास्थ्य का हालचाल जाना था। भैरों सिंह राठौड़ मूल रूप से सोलंकिया तला के रहने वाले थे। बीएसएफ में रहकर देश की सेवा करने वाले भैरों सिंह राठौड़ को भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित लोंगेवाला चौकी का हीरो कहा जाता था।
भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध में भैरों सिंह राठौड़ ने असाधारण पराक्रम दिखाया था। राजस्थान की लोंगेवाला चौकी पर उनकी ओर से दिखाए गए शौर्य को फिल्म ‘बॉर्डर’ में भी प्रदर्शित किया गया था। इस फिल्म में सुनील शेट्टी ने उनका किरदार निभाया था। भैरों सिंह राठौड़ को थार रेगिस्तान में लोंगेवाला चौकी पर तैनात किया गया था, जो बीएसएफ की एक छोटी टुकड़ी की कमान संभाल रहे थे। उनके साथ सेना की 23 पंजाब रेजिमेंट की एक कंपनी थी। इन जवानों ने दिनॉंक 5 दिसंबर, 1971 को इस स्थान पर एक हमलावर पाकिस्तानी ब्रिगेड और टैंक रेजिमेंट को ध्वस्त कर दिया था। युद्ध के दौरान 14वीं बीएसएफ बटालियन में तैनात भैरों सिंह राठौड़ 1987 में सेवानिवृत्त हुए थे।
लोंगेवाला चौकी पर 1971 के युद्ध के बारे में बीएसएफ के रिकॉर्ड के अनुसार, “जब पंजाब रेजिमेंट के 23 जवानों में से एक मारा गया, तो लांसनायक भैरों सिंह राठौड ने अपनी लाइट मशीन गन उठा ली। इसके बाद आगे बढ़ते दुश्मन पर ताबड़तोड़ हमले कर उन्हें गहरा नुकसान पहुंचाया। आधिकारिक रिकॉर्ड में कहा गया है, ” यह केवल उनका साहस और करो या मरो का दृढ़ संकल्प था, जिससे उस दिन जीत हुई और लांस नायक भैरों सिंह चौकी पर अपने अन्य साथियों के लिए एक महान प्रेरणा बन गए।”
भैरों सिंह राठौड़ की दिखाई वीरता के लिए उन्हें 1972 में सेना पदक मिला था। राठौड़ को कई अन्य सैन्य सम्मानों और असैन्य पुरस्कारों और से भी सम्मानित किया गया है। बॉर्डर फिल्म में उनके किरदार को शहीद दिखाया गया था, जबकि वास्तविकता में वे शहीद नहीं हुए थे।
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