अहमदाबाद से हाल ही में शुरू की गई असरवा-उदयपुर एक्सप्रेस ट्रेन रविवार को एक बड़े हमले का शिकार होते होते बच गई। ट्रेन के जावर माइंस थाना क्षेत्र से गुजरने से कुछ घंटे पहले उदयपुर – बांसवाड़ा मार्ग पर बने रेलवे ब्रिज पटरी पर किसी ने विस्फोट कर बड़ी साजिश रची थी लेकिन ग्रामीणों की सतर्कता से हादसा टल गया।
अब राजस्थान पुलिस तोड़फोड़ समेत सभी एंगल से इस मामले की छानबीन कर रही है। एनआईए भी इस मामले को देख रही है। माना जा रहा है कि घटना की आतंकी एंगल से भी छानबीन हो सकती है। वहीँ, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि उदयपुर रेल पटरी विस्फोट के आरोपियों को कड़ी सजा दी जाएगी। एनआईए की टीम भी अन्य एजेंसियों के साथ मामले को देख रही है।
वहीँ, राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने घटना को चिंताजनक बताया और पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा को मामले की गहन जांच करने के निर्देश दिए। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी और एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड यानी एटीएस की टीमें भी छानबीन कर रही हैं। सामने आया है कि रेलवे ट्रैक पर धमाके के लिए ‘सुपरपावर 90’ डेटोनेटर का इस्तेमाल किया गया था। विस्फोटक को बेहद सुनियोजित तरीके से प्लांट किया गया था। लेकिन ट्रैन के आने से पहले ही ग्रामीणों की सतर्कता हादसा टल गया।
ये घटना शनिवार देर रात सलूम्बर मार्ग पर केवड़े की नाल में ओढ़ा रेलवे पुल की है। यहां गत रात 10 बजे ग्रामीणों को आसपास धमाके की आवाज सुनाई दी थी। इसके बाद कुछ युवा तुरंत पटरी पर पहुंचे तो हालत देख सभी दंग रह गए। उन्होंने बताया कि रेलवे लाइन पर बारूद पड़ा था। ऐसा लगता है जैसे रेलवे पुल को उड़ाने की साजिश की गई है। ग्रामीणों के देखा कि पटरियां कई जगह से टूट चुकी हैं। पुल पर लाइन से नट-बोल्ट भी गायब मिले। ट्रैक पर लोहे की पतली चादर भी उखड़ी हुई थी। इस पर ग्रामीणों में रेलवे को सूचना दी जिससे रेल को रास्ते में ही रोक लिया गया और हादसा टल गया।