कला व संस्कृति

राजस्थान उत्सव में दिखा कला, संस्कृति का अनोखा रंग, लोक कलाकारों ने बांधा समां

Bikaner City: देश की राजधानी दिल्ली सहित देश-विदेश के अप्रवासी राजस्थानियों के दिलों पर राजस्थानी कला, संस्कृति, हस्तशिल्प और खानपान की अमिट छाप छोड़कर आठ दिवसीय राजस्थान उत्सव का आज समापन हो गया. नई दिल्ली के बीकानेर हाउस में राजस्थान स्थापना दिवस के अवसर पर आवासीय आयुक्त कार्यालय, राजस्थान फाउंडेशन, रूडा और राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से 24 मार्च से 31 मार्च तक आयोजित राजस्थानी हॉट बाजार के साथ-साथ प्रदेश की संस्कृति से रूबरू करवाते अलग-अलग कार्यक्रमों ने देशी-विदेशी मेहमानो को अपनी ओर खूब आकर्षित किया.  राजस्थान उत्सव में जहां एक ओर कठपुतली कला, सांस्कृतिक संध्या आदि का सजीव चित्रण ऑनलाईन के माध्यम से देश-विदेश में प्रसारित किया गया.

आठ दिवसीय राजस्थान उत्सव के दौरान  राज्य के शिक्षा मंत्री बी.डी.कल्ला और उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने विशेष रूप जयपुर से आकर इस समारोह में शिरकत की.  इसके अतिरिक्त मॉरीशस की एंबेसडर सहित कई देशों के प्रतिनिधियों और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश, प्रमुख आवासीय आयुक्त ने उत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल हुए. कार्यक्रम में शामिल हुए रूडा के ओमप्रकाश ने बताया कि उत्सव के दौरान बीकानेर हाउस परिसर में लगाए गए राजस्थानी हाट बाजार में राजस्थान के विभिन्न अंचलों के राष्ट्रीय एवं राज्य पुरूस्कार प्राप्त आर्टिजंस ने लगभग 44 स्टॉलों पर अपनी कला का सजीव प्रदर्शन कर दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित किया. इस हाट बाजार में मेहमानों ने जहां एक ओर राजस्थान के हस्तकलाकारों के निर्मित उत्पादों जैसे कोटा डोरिया, सांगानेरी प्रिंट, मोजडी, जयपुर बैंगल्स, मिटटी के बर्तन, पेंटिंग्स, फर्नीचर इत्यादि की खूब खरीदारी की, वहीं दूसरी ओर राजस्थान के खानपान जैसे दाल-बाटी-चूरमा, मिर्ची पकौड़ा, कुल्फी आदि स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद चखा. उन्होंने बताया कि इस आठ दिवसीय राजस्थान उत्सव के दौरान रूडा के माध्यम से लगाए गए इस राजस्थानी हाट बाजार में आर्टिजंस की 20 लाख से ज्यादा की बंपर सेल हुई है जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड बिक्री है.

उत्सव के दौरान बीकानेर हाउस के चांदनी बाग में हर शाम  रौनक-ए-शाम कार्यक्रम में अलग-अलग क्षेत्रों के प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी भिन्न भिन्न शैली के अनुरूप विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी. इस श्रंखला में गायकों ने गजल, सूफी, क्लासिकल गायन की प्रस्तुति दी. प्रसिद्ध कहानीकारों, दास्तांनगोई ने अपनी ही शैली में कहानियों की व्याख्या की.राजस्थान पर्यटन द्वारा आयोजित सांस्कृतिक संध्या में प्रदेश के जाने-माने लोक कलाकारों ने दर्शकों की वाहवाही लूटी. इसके अतिरिक्त आगंतुकों के स्वागतार्थ प्रतिदिन लोक कलाकारों द्वारा नृत्य कला का प्रदर्शन भी किया गया.

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